वीर तेजा जी का इतिहास

दोस्तों अगर आप भी तेजा जी के परम भक्त हैं तो आपको ये पोस्ट जरूर देखनी चाहिए क्योंकि आज की पोस्ट में हमनें बताया है कि हम सब तेजा जी की पूजा क्यों करते हैं और उन्होंने अपने जीवन में हम सब के लिए कौन कौन से महत्वपूर्ण कार्य किये। और इसके साथ ही उनके इतिहास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों का भी समावेश किया हैं।

तेजा जी का जन्म

तेजा जी का जन्म खड़नाल में वि.सं. 1130 (1073 ई.) में माघ शुक्ला चतुर्दशी को हुआ था।

माता , पिता और पत्नी

तेजाजी के पिता ताहड़जी एवं माता रामकुँवरी थी। तेजाजी का विवाह पेमलदे (पनेर के रामचन्द्रजी या रायमल जी की पुत्री) से हुआ। तेजाजी को परम गौरक्षक एवं गायों का मुक्तिदाता माना जाता है। इन्हें ‘काला और बाला’ देवता भी कहते हैं।

वीर तेजाजी महाराज की मृत्यु कब हुई?

इन्होंने लाछा गूजरी की गायें मेरों से छुड़ाने हेतु वि.सं. 1160 (1103 ई.) भाद्रपद शुक्ला दशमी को सुरसरा (किशनगढ़, अजमेर ) अपने प्राणोत्सर्ग किए ।

तेजा जी कौन सी जाति के थे?

तेजा जी का जन्म जाट समाज में हुआ था। इसलिए जाट समाज मे इनकी अधिक मान्यता हैं।

तेजा टेर कब गाया जाता है?

प्रत्येक किसान तेजाजी के गीत (तेजाटेर) के साथ ही खेत में बुवाई प्रारम्भ करता है। ऐसा विश्वास है कि इस स्मरण से भावी फसल अच्छी होती है। तेजाजी विशेषत: अजमेर जिले के लोकदेवता हैं। इनके मुख्य ‘थान’ (मंदिर) अजमेर जिले के सुरसुरा, ब्यावर, सेंदरिया एवं भावतां में हैं। उनके जन्म स्थान खड़नाल में भी इनका मंदिर है।

तेजा जी का मेला कब लगता हैं ?

नागौर जिले के परबतसर कस्बे में तेजाजी का विशाल मेला भाद्रपद शुक्ला दशमी को भरता है। जहाँ बड़ा पशु मेला भी लगता है, जिसमें भारी मात्रा में पशुओं की भी खरीद फरोख्त होती है। तेजाजी की निर्वाण स्थली सुरसुरा (किशनगढ़, अजमेर) में तेजाजी की जागीर्ण निकाली जाती है।

इनके थान पर सर्प व कुत्ते काटे प्राणी का इलाज होता है।  सर्पदंश का इलाज करने वाले तेजाजी के भोपे को ‘घोड़ला’ कहते हैं।

तेजा जी की घोड़ी का क्या नाम था ?

तेजाजी की घोड़ी लीलण (सिणगारी) थी।

राजस्थान में प्राय: सभी गाँवों में तेजाजी के ‘थान’ या ‘देवरे’ बने हुए हैं। देवरों पर तेजाजी की प्रतिमा हाथ में तलवार लिए घुड़सवार के रूप में सूर्य के साथ स्थापित की जाती है।

राज्य के लगभग सभी भागों में लोकदेवता तेजाजी को ‘सर्पों के देवता’ के रूप में पूजा जाता है। जाट जाति में इनकी अधिक मान्यता है।

तो आपको वीर तेजा जी का इतिहास कैसा लगा हमे कमेंट में जरूर बताना और हमसे कोई गलती हुई हैं तो आप हमें वो भी बता सकते हैं हम उसमे तुरंत सुधार करेंगे। अगर आपको तेजा जी के अलावा किसी और लोकदेवता के इतिहास के बारे में जानना हैं तो आप हमें बता सकते हैं हम उस टॉपिक पर भी एक अच्छा सा आर्टिकल लिख सकते हैं।
धन्यवाद!

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