बिक रही है Bisleri, Tata Consumer इस बड़ी कंपनी को खरीद सकता है; जानें क्यों आई बेचने की नौबत

बिसलेरी कारोबार की शुरूआत कब हुई थी।

पारले समूह नेबिसलेरी को 1965 में कांच की बोतलों में दो किस्मों  चुलबुली और स्थिर में पेश किया गया था। 1969 में, संघर्षरत ब्रांड, जो भारतीय बाजार से बाहर निकलना चाहता था, को पारले समूह के जयंतीलाल चौहान ने अधिग्रहित कर लिया। 1976 में पारले बिसलेरी ने आम के गूदे से बना फ्रूट ड्रिंक माज़ा लॉन्च किया।

बिसलेरी कारोबार को बेचने पर चेयरमैन के बयान 

बिसलेरी इंटरनेशनल’ के चेयरमैन 82 साल के रमेश चौहान ने गुरुवार को कहा कि वह अपने बोतल पानी के कारोबार के लिए खरीदार की तलाश में हैं और इस कारोबार के बारे में उनकी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड समेत कई और कंपनियों से बात चल रही है।  बिसलेरी के अलग-अलग समय पर कई  कम्पनी से बात चल रही थी।जिनमें रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डैनोन शामिल हैं। टाटा के साथ बातचीत दो साल से चल रही है और उन्होंने कुछ महीने पहले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मुलाकात के बाद यह फैसला किया।  उन्होंने ईटी को बताया, ‘मैं  टाटा समूह कोपसंद करता हूं। वे अच्छे लोग हैं।

बिसलेरी कारोबार की कमाई 

2022-23 में बिसलेरी के 220 करोड़ रुपये के लाभ के साथ 2,500 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।चौहान ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, ‘यह डील सिर्फ पैसे के बारे में नहीं थी, मुझे भी नहीं पता कि मैं इसका (पैसे) क्या करूंगा, लेकिन मैं इसे स्पष्ट कर दूं। यह केवल वह मूल्य नहीं था जो मुझे इसके लिए मिल रहा था, मैं एक ऐसा घर खोजने के लिए अधिक उत्सुक था जो इसकी देखभाल करेगा जैसा मैंने किया था। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे मैंने जुनून के साथ बनाया है और अब इसे समान रूप से उत्साही कर्मचारियों द्वारा चलाया जाता है।”

बिसलेरी कारोबार को बेचने के क्या कारण हैं?

रमेश चौहान ने कहा कि उनकी बेटी जयंती की रूचि इस कारोबार को संभालने में नहीं है,उनका कहना है कि आगे चलकर किसी को तो बिजनेस को  संभालना ही होगा।

7,000 करोड़ की डील को नकारा

मीडिया में चल रही डील की रकम को लेकर भी रमेश चौहान ने बातचीत में कहा की उन्हें टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के साथ 7,000 करोड़ रुपये के डील की खबर को इनकार किया है। उन्होने कहा कि  यह सही नहीं हैअभी हमारी बात चल रही है। 

कंपनी बेचने के बाद रमेश चौहान का प्लान 

बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान ने कहा कि वह बिसलेरी में माइनोरिटी स्टेक भी नहीं रखेंगे। चौहान ने कहा कि बिजनेस को बेचने के बाद उन्हें कंपनी में माइनोरिटी स्टेक होल्ड करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। उन्होंने बताया कि बोतलबंद पानी के कारोबार से बाहर निकलने के बाद, वह वाटर हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग जैसे पर्यावरण और चैरिटी से जुड़े कामों में जोर देना चाहते हैं।

टाटा समूह का बिसलेरी खरीदने का कारण 

टाटा कंज्यूमर के शेयरों में शुरुआती कारोबार में 3.2% की बढ़ोतरी के साथ 794.75 रुपये तक पहुंच गया, जो 6 अक्टूबर के बाद से सबसे ज्यादा है। 20 अक्टूबर को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने तिमाही लाभ में अपेक्षा से अधिक वृद्धि दर्ज की, नमक की ऊंची कीमतों से मदद मिली।  मिनरल वाटर से लेकर स्टारबक्स कॉफी तक हर चीज की मांग में कमी आई है।

टाटा समूह का भविष्य का प्लान 

टाटा समूह पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर कारोबार के प्रति उत्साह दिखा रहा है और उसने बिसलेरी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए उस कंपनी को प्रस्ताव दिया है। टाटा यह कदम  वॉटर कैटेगरी में पैर जमाने के लिए उठा रही है। उम्मीद है कि इस फैसले से कंपनी को ऐसा करने में मदद मिलेगी। इस कारोबार में एंट्री करने से टाटा का रिटेल स्टोर्स, केमिस्ट चैनल्स, इंस्टीच्यूशनल चैनल्स, होटल्स और रेडी-टू-गो मार्केट नेटवर्क बढ़ेगा। बता दें कि रेस्तरां और एयरपोर्ट के अलावा बल्क वाटर डिलिवरी में भी बिजनेस में भी बिसलेरी मिनरल वाटर लीडिंग ब्रांड है। 

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