Rahat indori shayari : डॉ राहत इंदौरी साहब की बेहतरीन शायरियां

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हमने डॉ राहत इंदौरी साहब की बेहतरीन शायरियों का कलेक्शन किया है कोरोना की जंग के दौरान 2020 में Rahat indori sahab का निधन हो गया था लेकिन उनकी शायरियां आज भी जिंदा है उर्दू के मशहूर शायर राहत इंदौरी जी का जन्म 1 जनवरी 1950 में हुआ था इंदौरी साहब का शायरी बोलने और लिखने का तरीका सबसे अलग था यही चीज उन्हें सब से अलग बनाती है और उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी विदेश यात्राएं की और विश्वभर के कवि सम्मेलन में भाग लिया। Dr Rahat indori साहब देश विदेश के दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित थे उनका निधन 11 अगस्त 2020 को इंदौर में हुआ था इसलिए आज की इस पोस्ट में हमने Rahat indori साहब की शायरियों का कलेक्शन किया है और उम्मीद करते हैं आपको यह शायरियां पसंद आएंगी।

Rahat indori shayari

नये किरदार आते जा रहे है
मगर नाटक पुराना चल रहा है।

अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं,
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी था

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।

लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है,
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

Rahat indori shayari in Hindi

फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे,
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।

आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।

वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा,
दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को
समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे।

Rahat indori romantic shayari with image

rahat indori shayari photo
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Rahat indori best shayari

दोस्ती जब किसी से की जाये,
दुश्मनों की भी राय ली जाये।

नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से,
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।

बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा,
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा।

जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से,
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से।

भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।

Rahat indori ki shayari

मेरे अधूरे शेर में थी कुछ कमी मगर,
तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।

ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,
के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।

अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए,
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए।

ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ।

Rahat indori love shayari

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,
मगर हद से गुजर जाने का नईं।

बुलाती है मगर जाने का नईं,
ये दुनिया है इधर जाने का नईं।

फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए

राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना
हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना

नये किरदार आते जा रहे है
मगर नाटक पुराना चल रहा है।

उस की याद आई है, साँसों ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनो से भी इबादत में ख़लल पड़ता है।

दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।

Rahat indori romantic shayari in Hindi

मैं इश्क़ लिखता हूँ,
तुम वफ़ा लिख देना,
मैं मना लूंगा तुमको,
तुम बस खफा लिख देना।

छू गया जब कभी ख़याल तेरा
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा।
कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में
और घर देर तक महकता रहा।

मैंने दिल दे कर उसे की थी वफ़ा की इब्तिदा
उसने धोखा दे के ये किस्सा मुकम्मल कर दिया
शहर में चर्चा है आख़िर ऐसी लड़की कौन है
जिसने अच्छे खासे एक शायर को पागल कर दिया।

इश्क़ में जीत के आने के लिए काफी हूं,
मैं निहत्था ही जमाने के लिए काफी हूं,
मेरी हर हकीकत को मेरी ख़ाक समझने वाले..
मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए हीं काफी हूं।।

Dr. Rahat indori shayari in Hindi

में यही कहूँगा की
गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हे
गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हे
में आ गया हु बता इंतज़ाम क्या क्या है

राज़ जो कुछ हो
इशारों में बता ही देना
हाथ जब उनसे मिलाना
तो दबा भी देना

झूठों ने झूठों से कहा
सच बोलो
सरकारी ऐलान हुआ है
सच बोलो
घर के अंदर झूठो की एक मण्डी है
दरवाजे पर लिखा है सच बोलो

Shayari by Rahat indori

फैसला जो कुछ भी हो,
हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो,
भरपूर होना चाहिए।

मैं वो दरिया हूँ की
हर बूंद भँवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया
मुझसे किनारा करके।

घर से ये सोच के निकला हूँ कि मर जाना है,
अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है।
जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो,
इस मुसाफ़िर को तो रस्ते में ठहर जाना है।।

Shayari of Rahat indori

तूफ़ानों से आँख मिलाओ,
सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो,
तैर के दरिया पार करो

अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।

अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है।
लगेगी आग तो आएँगे घर कई जद में,
यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।।

तो दोस्तों आपको डॉक्टर राहत इंदौरी साहब की शायरियों का कलेक्शन कैसा लगा हमें कमेंट में लिखकर जरूर बताना अगर आपको यह शायरियां पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना। हमारी इस वेबसाइट पर और भी बहुत सारी शायरियां और मोटिवेशनल स्टेटस है आप जाकर उन्हें भी पढ़ सकते हैं।

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