निषेचन किसे कहते हैं ?

निषेचन किसे कहते हैं

आज की पोस्ट में हम निषेचन के बारे में बात करने वाले हैं की निषेचन किसे कहते हैं और ये कितने प्रकार का होता हैं ।

निषेचन किसे कहते हैं ?

नर तथा मादा युग्मकों के संलयन से युग्मनज बनने की प्रक्रिया को निषेचन कहा जाता है।


इसे युग्मकसंलयन (syngamy) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें युग्मकों का संलयन होने पर द्विगुणित युग्मनज उत्पन्न होता हैं।
निषेचन होने के स्थान के अनुसार निषेचन दो प्रकार का होता है।

बाह्म निषेचन :
इस प्रकार का निषेचन अथवा युग्मकसंलयन (syngamy) प्राणी के शरीर से बाहर होता है। यह मुख्यतः जलीय माध्यम में ही होता है। बौनी फिश, उभयचरों (मेंढकों), अधिकतम शैवालों, कुछ कवकों एवं बहुत सारे अकशेरूकियों (Invertebrates) में भी इस प्रकार का निषेचन साधारणतया देखने को मिलता है। इस प्रकार का निषेचन करने वाले सभी जीव बाह्म माध्यम में युग्मकों को छोड़ते हैं। यह प्रक्रिया संयोगवश होती है इसलिए जीवों द्वारा अनेक युग्मक उत्पन्न कर निषेचन माध्यम में छोड़ दिए जाते हैं। जिसके कारण नयी संततियों की संख्या भी अत्यधिक होती है। परन्तु इनको शिकारियों (Predators) से तब तक बहुत खतरा होता है जब तक कि ये पूर्ण प्रौढ़ प्राणी में विकसित नहीं होते हैं।

आन्तरिक निषेचन :
इस प्रकार का निषेचन अथवा युग्मकसंलयन प्राणी के शरीर के भीतर होता हैं। यह निषेचन साधारणतः सभी स्थलीय जीवों, कुछ जलीय जीवों और कुछ अर्द्धजलीय जीवों में भी पाया जाता है।

उदाहरण- कवक, रेंगने वाले जीव (सरीसृप), शार्क, कुछ

ब्रायोफाइटस (Bryophytes) एवं टेरिडोफाइटस (pteridophytes), अनावृतबीजी (gymnosperms) एवं आवृतबीजी (Angiosperms)। इस प्रक्रिया मादा युग्मक (ova) मादा के शरीर के भीतर ही रहते हैं और नर युग्मक (शुक्राणु) मादा के शरीर में पहुँचता है और उसे निषेचित करता है। सभी प्राणियों एवं बीजरहित भ्रूणयुक्त पादपों (seedless embryophytes) में नर युग्मक गमनशील होता है और मादा युग्मक तक गति कर पहुँचता है तथा उसे निषेचित करता है। बीजयुक्त पादपों में नर युग्मक अगमनशील (non-motile) होते है और परागनली (pollen tube) के विकसित होने पर ही यह नर युग्मक मादा युग्मक तक पहुँचते हैं। आन्तरिक निषेचन एक निश्चित निषेचन है इसलिए इनमें मादा युग्मकों की संख्या कम होती है, अतः नवजात व्यष्टियों की संख्या भी कम होती हैं।

बाह्म निषेचन और आन्तरिक निषेचन में क्या अंतर हैं ?

बाह्म निषेचनआन्तरिक निषेचन
यह युग्मकसंलयन बाह्म माध्यम में होता है।यह युग्मकसंलयन आन्तरिक माध्यम में होता है।
इसमें दोनों प्रकार युग्मक माध्यम में छोड़ दिये जाते हैं।इसमें केवल नर युग्मक ही माध्यम में मुक्त किये जाते हैं।
बाह्म माध्यम में विकसित हुई नवीन संततियाँ असुरक्षित होती है क्योंकि उन्हें भक्षकों द्वारा चोट पहुंचाई जा सकती हैं।इसमें आन्तरिक माध्यम में निषेचन होने के कारण प्राणी अपने प्रारम्भिक काल में सुरक्षित रहता है।
इस निषेचन द्वारा उत्पन्न हुए जीवों की संख्या अत्यधिक होती है।इस निषेचन द्वारा उत्पन्न हुए जीवों की संख्या कम होती है।
इसमें दोनों प्रकार के युग्मक बहुगिनती में उत्पन्न किये जाते हैं।इसमें मादा युग्मक लघुगिनती में उत्पन्न
किये जाते है।
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मेरा नाम नेहा चौधरी हैं और मैं एक स्कूल टीचर हूँ। मैं मेरे Knowledge को सब के साथ Share करना चाहती हूँ इसलिए मैं Newsbeats पर Educational Catagory की पोस्ट लिखती हूँ।

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